(O Kanha) ओ कान्हा अब तो मुरली भजन/ गाने के बोल भगवान कृष्ण के प्रति एक गहरे भक्ति और प्रेम की भावना को व्यक्त करते हैं।
इस भजन मे गोपिका/गायिका, कृष्ण से उनकी मुरली की मधुर ध्वनि को सुनने की आग्रह करती है और खुद को एक प्रेमभक्त के रूप में पहचानती है। बोल इसे भी व्यक्त करते हैं कि गोपिका ने कृष्ण के साथ अपने नैनों को जोड़ लिया है और उन्होंने सभी रिश्तों को तोड़ लिया है।
O kanha Ab To Murli Lyrics – ओ कान्हा लीरिक्स:
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तानमैं हूँ तेरी प्रेम दिवानी
मुझको तु पहचान
मधुर सुना दो तान..
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
जब से तुम संग मैंने अपने
नैना जोड़ लिये हैं
क्या मैया क्या बाबुल
सबसे रिश्ते तोड़ लिए हैं
तेरे मिलन को व्याकुल हैं
ये कबसे मेरे प्राण
मधुर सुना दो तान..
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
सागर से भी गहरी
मेरे प्रेम की गहराई
लोक लाज कुल की मरियादा
सज कर मैं तो आई
मेरी प्रीती से ओ निर्मोही
अब ना बनो अनजान
मधुर सुना दो तान..
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
मैं हूँ तेरी प्रेम दिवानी
मुझको तुम पहचान
मधुर सुना दो तान..
मधुर सुना दो तान..
गाने में यह भी कहा गया है कि गोपिका का प्राण कब से कृष्ण के मिलन के लिए व्याकुल है। गीत के माध्यम से यह भी व्यक्त होता है कि गोपिका की प्रेम भरी इच्छा है कि कृष्ण उसे पहचानें और उसके प्रेम का उत्तरदाता बनें।
गीत के सारे बोल एक गहरे भक्ति और प्रेम के आसपास घूमते हैं, जिसमें भक्त (गोपिका) और दैवी (भगवान कृष्ण) के बीच का आध्यात्मिक और भावनात्मक संबंध है, प्रेम और वात्सल्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।