हनुमान अष्टक (Hari Om Sharan Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF and Lyrics) इसे लोग संकटमोचन नाम तिहारो गाणे के नाम से भी जाणते है।
दरअसल ऐसा इस लिए है क्यू की जब भी आप ने हनुमान चालीसा सुनी होगी उसिकी संग यह संकट मोचन हनुमान अष्टक (Hanuman Ashtak) भी सुना होगा जो हरीहरण जी ने टी-सिरिस मे गाया हुआ एक हनुमान जी का भजन है।
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हनुमान अष्टक – Hanuman Ashtak Lyrics:
हनुमान अष्टक के लीरिक्स मे आप अगर ध्यान दे तो हनुमान जी के बचपन से लेकर रामायण के अंत तक जो भी हुआ है वह भजन के स्वरूप मे बताया गाया है।
और कहा जाता है की जहा भी प्रभु श्री राम और रामायण की बात होगी हनुमान जी वहा जाना पसंद करते है। तो आप हर हनुमान भजन मे देखेंगे प्रभु श्री राम और माता सीता का नाम जरूर होगा।
हनुमान अष्टक हिन्दी लीरिक्स
॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो ।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ॥
देवन आन करि बिनती तब, छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महा मुनि शाप दिया तब, चाहिय कौन बिचार बिचारो ॥
के द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
अंगद के संग लेन गये सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाय इहाँ पगु धारो ॥
हेरि थके तट सिंधु सबै तब, लाय सिया-सुधि प्राण उबारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
रावन त्रास दई सिय को सब, राक्षसि सों कहि शोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो ॥
चाहत सीय अशोक सों आगि सु, दै प्रभु मुद्रिका शोक निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
बाण लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावण मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ॥
आनि सजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्राण उबारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
रावण युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयोयह संकट भारो ॥
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पाताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि, देउ सबै मिति मंत्र बिचारो ॥
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावण सैन्य समेत सँहारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसों नहिं जात है टारो ॥
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ॥
Hanuman Ashtak English Lyrics
॥ Hanuman Ashtak॥
Baala samay Rabi bhakshi liyo tab, teenhun lok bhayo andhiyaaro ।
Taahi so trasa bhayo jag ko, yah sankat kaahu so jaat na taaro ॥
Devan aan kari binati tab, chaandi diyo Rabi kasht nivaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Baali ki trasa kapisa basai giri, jaat mahaa prabhu panth nihaaro ।
Chaunki mahaa muni shaap diya tab, chaahiye kaun bichaar bichaaro ॥
Ke dwij roop liya mahaa prabhu, so tum daas ke shok nivaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Angad ke sang len gaye Siya, khoj kapisa yah bain uchaaro ।
Jeevat na bachihau ham so ju, bina sudhi laaye ihaan pagu dhaaro ॥
Hari thake tat sindhu sab tab, laaye Siya-sudhi praana ubaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Raavan trasa dai Siya ko sab, raakshasi so kahi shok nivaaro ।
Taahi samay Hanuman mahaa prabhu, jaaye mahaa rajanichar maaro ॥
Chaahat Siya Ashok so aagi su, dai prabhu mudrika shok nivaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Baan lagyo ur Lachhiman ke tab, praana taje sut Raavan maaro ।
Lai griha baidya Susheen samet, tabai giri dron su beer upaaro ॥
Aani sajeevan haath dai tab, Lachhiman ke tum praana ubaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Raavan yuddh ajaan kiyo tab, naag ki faans sabai sir daaro ।
Shri Raghunath samet sabai dal, moh bhayo yah sankat bhaaro ॥
Aani khages tabai Hanuman ju, bandhan kaati sutraas nivaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Bandhu samet jab ahiraavan, lai Raghunath paataal sidhaaro । Debihin pooji bhali vidhi so Bali, deu sabai miti mantra bichaaro ॥
Jaay sahaay bhayo tab hi, ahiraavan sena samet sanhaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
Kaaj kiye badh devan ke tum, veer mahaa prabhu dekhi bichaaro ।
Kaun so sankat mor gareeb ko, jo tumse nahin jaat hai taaro ॥
Begi haro Hanuman mahaa prabhu, jo kuch sankat hoyi hamaaro ।
Ko nahin jaanat hai jag mein kapi, sankatmochan naam tiharo ॥
॥ Doha ॥
Laal deh laali lase, aru dhari laal langur । Vajra deh daanav dalan, jay jay jay kapi soor ॥
हनुमान अष्टक (Hanuman Ashtak) Image:
हनुमान अष्टक (Hanuman Ashtak) पढने के फायदे:
हनुमान अष्टक कोई मंत्र या विधि नहीं है जिससे आप हनुमान जी को प्रसन्न कर अपने काम कर सकते है, हनुमान अष्टक तो बस एक भजन मात्र है जिसे गाया जाता है भक्ति मे अपने मन की शांति के लिए।
यदि आप चाहते है आप के काम सिद्ध नहीं हो रहे या कुछ टोना टोटका का डर सता रहा है तो आप हनुमान चालीसा का पाठ करे और अपने दुखों से निवारण पाए।
यदि आप मन की शांति चाहते है और शुद्ध मन से हनुमान जी की भक्ति करते है तो आप हनुमान अष्टक को सुन या पढ़ सकते है।
जय श्री राम – जय बजरंग बली